किम-जोंग-उन की बहन किम-यो-जोंग ने अमेरिका को दी धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति वार्डन ने अपनी कोरियाई नीति को जल्द ही सार्वजनिक करने जा रहे हैं।उससे पहले ही उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम-जोंग-उन की बहन किम-यो-जोंग ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अस्थिरता का कारण न बने।
सरकारी चैनल पर दिए गए बयान में किम यो जोंग ने संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया की आलोचना की उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के अधिकारी दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल पहुंच रहे हैं।
अमेरिकी सरकार क्या कर रही है कि उसने उत्तर कोरिया से राजनीतिक संपर्क स्थापित करने के लिए कई हफ्तों तक कोशिश की लेकिन उधर से कोई जवाब नही आया।
उत्तर कोरिया ने अभी अधिकारिक रूप से बाइडेन को अमेरिकी राष्ट्रपति स्वीकार नहीं किया है। उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलें कार्यक्रम के कारण दोनों देशों के बीच खास तनाव रहा है।
किम यो जोंग का बयान यह है कि अमेरिका के नए प्रशासन को एक सलाह है कि वह समुंद्र पर से हमारी जमीन पर बारूद की गंध फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर वह आने वाला 4 सालों तक शांति से सोना चाहते हैं तो यह बेहतर होगा कि वह खुद को अस्थिरता का कारण बनने से अलग रखें।
उन्होंने कहा है दक्षिण कोरियाई सरकार ने एक बार फिर 'मार्च ऑफ वार' 'मार्च ऑफ क्राइसिस' को चुना है।
"किम यो-जोंग अपने भाई के लिए पसंदीदा रही है। और यह बयान भी कोई अपवाद नहीं है उन्होंने अपने बयानों में दो चीजों को निशाना बनाया है संयुक्त अभ्यास और सोल में अमेरिकी विदेश एवं रक्षा मंत्री का दौरा"।
इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया को पता चल चुका है कि उत्तर कोरिया देख और सुन रहा है। जबकि अमेरिका ने पिछले दरवाजे से संपर्क करने की कोशिश की।
किम यो जोंग ने यह पूरी तरह से साफ नहीं किया है कि अगर बैठक में उनके मुताबिक काम नहीं होता है तो उत्तर कोरिया क्या करेगा।लेकिन उन्होंने यह कह दिया है की चेतावनी दे दी गई है।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के रिश्ते साल 2017 में सबसे ज्यादा खराब तब हो गए थे जब उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की मिसाइलें का परीक्षण किया था और यह अमेरिका के शहर तक को निशाना बना सकती थी।
तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के किम के साथ घनिष्ठता बढाने के बाद तनाव में कमी आई थी। हालांकि दोनों के बीच सिंगापुर और वियतनाम में बैठक होने के बावजूद परमाणु हथियार नष्ट नहीं किए गए और प्रतिबंध हटाए गए।
इसी साल जनवरी महीने में उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम-जोंग-उन ने अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन बताया था। साथ ही उन्होंने अधिक उन्नत परमाणु हथियारों की जरूरत पर भी जोर दिया था।
किम जोंग उन की यह बात अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन के लिए एक निश्चित चुनौती थी।किम जोंग उन ने राजधानी प्योंगयांग में सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही थी।
सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के अनुसार किन ने इस बैठक में कहा था कि व्हाइट हाउस में चाहे जो भी आए पर अमेरिका के शत्रुता पूर्ण नीतियां बदलने वाली नहीं है। हमारी विदेशी राजनीतिक गतिविधियों का ध्यान अमेरिका को दबाने की ओर होना चाहिए जो हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमारे विकास में सबसे बड़ी बाधा है।
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O bhai
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