Corona virus in india. म्युटेंट वैरीअंट की हुई एंट्री।
जिसे आम बोलचाल में इंडियन वैरीअंट भी कहा जाता है जो ब्रिटिश वैरीअंट और साउथ अफ्रीकन वैरीअंट से मिलकर बना है और ओरिजिनल वैरीअंट से ज्यादा संक्रामक और घातक है।
भारत में वैज्ञानिकों को जिस बात का डर सता रहा था वह डर अब हकीकत बन चुका है।डबल म्युटेंट दूसरी लहर को तेज किया और ट्रिपल म्युटेंट देश के लिए नया सर दर्द बन रहा है।भारत में कोरोना वायरस में अब तक तीसरा बदलाव जाने ट्रिपल म्यूटेशन हो चुका है। इसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने की है।
हालांकि ट्रिपल म्यूटेशन वैरीअंट से पैदा हुए खतरे और संक्रमण के जोखिमों का पता लगाना बाकी है। भारत इस समय बहुत बड़ी जोखिमों को झेल रहा है। कुछ महीने बाद तीसरी लहर आने की आशंका है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ट्रिपल म्यूटेशन कितना घातक है इसको लेकर शोध चल रहे हैं लेकिन शुरुआती अध्ययन में पाया गया कि भारत में बच्चों मैं बढ़ते संक्रमण के मामले में कोरोना का ट्रिपल म्यूटेशन वैरीअंट जिम्मेदार हो सकता है।
शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया है कि जिन ट्रिपल म्युटेंट वायरस जिन 3 म्युटेंट से मिलकर बना है उनमें से दो वेरिएंट एंटीबॉडीज को चकमा देने में सक्षम है। इसलिए वैज्ञानिकों को अभी इस बात का डर सता रहा है कि ट्रिपल म्युटेंट वायरस वैक्सीन ले चुके लोगों को भी हो सकता है या नहीं।
कोरोना वायरस से लड़ने वाले एक ऐसी दवा के बारे में बताने जा रहा हूं जिसका नाम कॉकटेल है। यह एक ऐसी दवाई है जो कोरोना के गंभीर लक्षणों को खत्म कर देती है। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस दवा को दिया गया इस एंटीबॉडीज कॉकटेल को अब भारत में मंजूरी भी मिल गई है।
भारत में कोविड के खिलाफ एक ऐसी दवा को आपातकालीन स्थिति में मंजूरी मिली है जो कभी अमेरिका के राष्ट्रपति रहते डोनाल्ड ट्रंप पर आजमाया गया था।
यह कॉकटेल वायरस को हमारे शरीर से चिपकने नहीं देती।सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह कॉकटेल हर प्रकार के वैरीअंट पर कारागार है और यह दवा 12 साल से अधिक बच्चों को भी दिया जा सकता है। इस वैक्सीन का नाम फाइजर वैक्सीन है।
यह फाइजर वैक्सीन अमेरिका में 2000 बच्चों पर ट्रायल किया गया था जिसके बाद इस वैक्सीन को बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी पाया गया।
कनाडा में फाइजर वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों को लगाया जा रहा है और 6 महीने से 11 साल के बच्चों की वैक्सीन पर भी रिसर्च चल रहा है। क्योंकि हम सभी भली-भांति जानते हैं कि कोरोना की पहली लहर में बुजुर्ग लोगों पर अधिक प्रभावी था।कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं पर अधिक प्रभाव डाला। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैज्ञानिक इस बात की आशंका जता रहे हैं कि कोरोना का तीसरा लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक साबित होगा।
इसलिए अब भारत में भी बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। लगभग सभी देशों मैं बच्चों के लिए वैक्सीनेशन चालू कर दिए हैं। सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया जल्द से जल्द वैक्सीन लाने की कोशिश कर रहे हैं।
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